मैं उसका था वह मेरी थी उस जमाने की कुछ बात ही और थी
सफर था मौसम था बारिश थी खुदा की खूबसूरती मेरे साथ थी
आज हमारा इंतेहा था और हमने दिया नही
वो चाहते थे हम प्यार करे उनसे पर हमने किया नही।
रूठने की भी हद होती है यार होती है या नही।
हमने बहुत मनाया बाद में उनको पर वो माने नही।
ये रिश्ते की भी कोई बात है क्या ।
एक दूसरे को देते एहमियात नही।
जब से तूने मुझे ना कर दिया रो रो के दिल का बुरा हाल कर दिया
दिल के बारे में तूने कुछ सोचा नहीं बिना सोचा ही यह काम कर दिया
घडी नही गिफ्ट में अपना वक़्त दे देना ।
थोड़ी फुर्सत निकाल के जिंदगी में से अपना एक दिन दे देना
और उस एक दिन में हम ऐसी जगह जायेंगे
जहा पुराने पेड़ पथर गुफ़ाएँ और झरना हो
भीगी सड़क पे bike पे सफर हो तुम अपना बस साथ दे देना
पुराने बड़े पेड़ के नीचे चबूतरे पे छाव में हम बैठे साथ में
तुम बस हाथों में हाथ दे देना।
दिल की सारी बातें करेंगे हम एक दूसरे से बहुत वादे करेंगे
तुम ऐसी अच्छी यादें दे देना
बस थोड़ी फुर्सत निकाल के जिंदगी में से अपना एक दिन दे देना
कोई ऐसा था जिसने हमसे 10 साल बात की और बहुत की
और फिर उसी ने अगले 10 साल बात नहीं की और कुछ नही की
दिल धड़काया भी कभी दिल तोडा भी बहुत अकेले हमको छोड़ा भी
हमने भी टूटा रखा दिल को फिर कभी दिल की मरमत नही की।
वो हमारे अपने थे पर कभी टूटा दिल लिए उनसे शिकायात् नही की।